धनिया की खेती कैसे करे पूरी जानकारी जाने। Dhaniya Ki Kheti Kaise Kare In Hindi
भारत में सर्वाधिक प्राचीन व्यवसायों में से खेती-बाड़ी एक मुख्य व्यवसाय है ।. भारत में युगों - युगों से खेती-बाड़ी करते हुए मानव ने खेती के कई प्रकारों को विकसित किया है । हमने खेती की सन्दर्भ में मार्गदर्शन हमारा एकमात्र लक्ष्य किसान मित्रों को उचित मार्गदर्शन देना
सोमवार, 23 जनवरी 2023
धनिया की खेती कैसे करे पूरी जानकारी जाने। Dhaniya Ki Kheti Kaise Kare In Hindi
प्रमुख प्रजातियाँ
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शुक्रवार, 20 जनवरी 2023
बड़ी इलायची के फायदे - Kali elaichi advantages in hindi
बड़ी इलायची के फायदे - Kali elaichi advantages in hindi
छोटी इलायची के फायदे की तरह ही बड़ी इलायची के फायदों (Kali elaichi advantages in hindi) की लिस्ट भी काफी बड़ी है। इसका इस्तेमाल मुख्य रुप से मसाले के रुप में किया जाता है। आइये इसके कुछ प्रमुख फायदों के बारे में जानते हैं।
1- दिल को स्वस्थ रखने में मदद (Cardamom for Heart health):
काली इलायची में ऐसे गुण होते हैं जो ह्रदय गति को नियंत्रित रखते हैं जिस वजह से ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है। इसके अलावा ये खून के थक्के बनने से रोकती है। कुल मिलाकर इसके नियमित सेवन से दिल स्वस्थ रहता है और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है।
2- मुंह के संक्रमण और दांत दर्द से आराम (Cardamom for Oral health) :
अगर आप अक्सर मुंह में इन्फेक्शन या दांतों के दर्द से परेशान रहते हैं तो ऐसे में बड़ी इलायची आपके लिए एक कारगर औषधि साबित हो सकती है। इसको खाने से दाँतों और मसूड़ों का संक्रमण जल्दी ठीक होता है और दांतों के दर्द से आराम मिलता है। यह बेहतर तरीके से मुंह की देखभाल करती है।
3- मूत्र संबंधी रोगों में उपयोगी (Cardamom for UTI ) :
बड़ी इलायची में डायूरेटिक गुण होते हैं जिस वजह से यह मूत्र संबंधी रोगों जैसे कि मूत्र में जलन, मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) आदि समस्याओं में आराम पहुंचाती है। अपने इन्हीं गुणों की वजह से यह किडनी के लिए भी काफी फायदेमंद रहती है.
बड़ी इलायची की तासीर गर्म होती है। इसलिए बड़ी इलायची के फायदे (Cardamom Health Benefits) हासिल करने के लिए इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करें, ज्यादा मात्रा आपको नुकसान पहुंचा सकती है। खुराक की अधिक जानकारी के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें।
इलायची के फायदे (Cardamom Health Benefits in Hindi)
इलायची के फायदे (Cardamom Health Benefits in Hindi)
बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि इलायची खाने से सेहत को कुछ फायदा होता भी है या नहीं? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इलायची के फायदों (Elaichi ke fayde in hindi) की लिस्ट काफी लम्बी है और अगर आप नियमित रुप से इलायची की उचित खुराक का सेवन कर रहे हैं तो निश्चित तौर पर यह आपको स्वस्थ रखने में मदद करती है। आइये छोटी इलायची के फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1- पाचन से जुड़ी समस्याओं से राहत (Cardamom for Digestion) :
खराब खानपान और जीवनशैली के कारण आजकल हर कोई अपच, गैस, एसिडिटी और कब्ज़ जैसी समस्याओं से पीड़ित रहता है। ऐसे में कुछ घरेलू उपाय आपकी इन समस्याओं को काफी हद तक कम कर सकते हैं। कब्ज़ और एसिडिटी दूर करना भी इलायची के फायदे (Elaichi ke fayde) में शामिल है। इलायची में ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते हैं और पेट की जलन को कम करते हैं। जिससे एसिडिटी, अपच जैसी समस्याओं से आराम मिलता है।
2- हिचकी से आराम (Cardamom for Hiccups) :
अक्सर ऑफिस में काम करते समय या किसी से बात करते समय अचानक से हिचकी (Hiccups) आने लगती है और उस समय आपको समझ ही नहीं आता कि हिचकी से कैसे आराम पाएं। आपको बता दें कि ऐसी हालत में इलायची (Elaichi in hindi) आपके लिए काफी कारगर साबित हो सकती है। अगली बार जब हिचकी आये तो एक इलायची मुंह में डालें और कुछ देर तक उसे धीरे धीरे चबाते रहें, इससे हिचकी जल्दी बंद हो जाती है।
3- सर्दी-खांसी और गले की खराश से आराम (Cardamom for Throat infection) :
मौसम बदलने पर या किसी तरह के संक्रमण की वजह से अक्सर लोग सर्दी-खांसी की चपेट में आ जाते हैं। कमजोर इम्युनिटी क्षमता वाले लोग बहुत जल्दी सर्दी की चपेट में आते हैं। सर्दी होने पर गले में खराश होने लगती है। इलायची का सेवन खांसी और गले की खराश से आराम दिलाने में फायदेमंद होता है। यही कारण है कि खांसी और सर्दी-जुकाम दूर करने की सबसे प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि सितोपलादि चूर्ण में भी इलायची मौजूद होती है।
खुराक : गले की खराश दूर करने के लिए रात को सोने से पहले आधा से एक ग्राम इलायची चूर्ण (Cardamom in hindi) को शहद के साथ मिलाकर खाएं। दो तीन दिन इसका सेवन करने से गले की खराश ठीक हो जाती है।
4- ब्लड प्रेशर कम करने में मदद (Cardamom for Hypertension) :
एक अध्ययन के अनुसार, इलायची का रोजाना सेवन करने से ब्लड प्रेशर में कमी आती है। इस लिहाज से देखें तो जो लोग हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन के मरीज हैं उन्हें इलायची का नियमित सेवन करना चाहिए। इसमें मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज पदार्थ ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
5- अस्थमा (Cardamom for Asthma prevention) :
वैसे देखा जाए तो इलायची खाने के फायदे (Elaichi ke fayde) बहुत ज्यादा हैं। ब्लड प्रेशर कम करने और गले की खराश से आराम दिलाने के अलावा यह अस्थमा के मरीजों के लिए भी बहुत उपयोगी औषधि है। इलायची में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो फेफड़ों में खून के प्रवाह को ठीक रखते हैं जिससे फेफड़े स्वस्थ रहते हैं और खांसी या अस्थमा जैसी बीमारियों से बचाव होता है।
6- भूख बढ़ाने में मदद :
इलायची पाचन तंत्र को दुरुस्त रखती है जिस वजह से शरीर का मेटाबोलिज्म भी ठीक ढंग से काम करता है और भूख बढ़ती है। जिन लोगों को समय पर भूख ना लगने या कम लगने की समस्या है उन्हें इलायची (Cardamom) का सेवन करना चाहिए।
7- मुंह की दुर्गंध दूर करने में सहायक (Cardamom for Bad breath) :
इलायची खाने के फायदे की बात की जाए तो हर किसी का जवाब यही होता है कि इससे मुंह की बदबू दूर होती है। यह बात पूरी तरह सच है और इसीलिए इलायची (Cardamom) का सबसे ज्यादा उपयोग माउथ फ्रेशनर के रूप में किया जाता है। अगर आप भी मुंह की बदबू से परेशान हैं तो इलायची के कुछ दाने ज़रुर खाएं।
8- उल्टी और मिचली से राहत (Cardamom for Nausea in Hindi) :
कुछ शोधों में इस बात की पुष्टि हुई है कि इलायची, सर्जरी के बाद आने वाली मिचली और उल्टी की समस्या से राहत दिलाती है। रिसर्च के अनुसार इलायची, अदरक और पुदीने को कॉटन की पट्टी में लपेटकर इसे सूंघने से सर्जरी के बाद होने वाली मिचली से आराम मिलता है। इसी तरह जिन लोगों को पहाड़ी रास्तों पर सफ़र के दौरान उल्टी या मिचली की समस्या होती है उन्हें सफर शुरु करने से पहले इलायची के कुछ दाने खाने चाहिए। यह मिचली और उल्टी रोकने का सबसे आसान घरेलू उपाय है।
9- नपुंसकता दूर करने में सहायक :
बहुत कम लोग यह जानते हैं कि छोटी इलायची खाने से नपुंसकता दूर करने में मदद मिलती है। इलायची में कामोत्तेजक गुण होते हैं और यह पुरुषों और महिलाओं दोनों की सेक्स की इच्छा बढ़ाने में मदद करती है। अगर आपकी सेक्स लाइफ नीरस हो गई है तो आप भी इलायची (Cardamom) का सेवन शुरु करें और अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाएं।
10- तनाव दूर करने में फायदेमंद (Cardamom for Stress) :
इलायची की सुगंध आपके मूड को तरोताजा बनाये रखती है। इसीलिए अधिकांश लोग सुबह सुबह इलायची की चाय (Cardamom tea) का सेवन करते हैं। इलायची की चाय पीने से पेट और सांसो से जुड़े रोगों से तो छुटकारा मिलता ही है साथ ही ये तनाव को दूर करती है और मूड को फ्रेश बनाये रखती है। इसलिए स्ट्रेस या डिप्रेशन के मरीजों को स्ट्रेस भगाने के लिए रोजाना इलायची वाली चाय (cardamom tea benefits) ज़रुर पीनी चाहिए।
गुरुवार, 17 नवंबर 2022
आरोग्य वटी के फायदे, नुकसान,
आरोग्य वटी के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस
आरोग्य वटी, स्वामी रामदेव की पतंजलि दिव्य फार्मेसी में निर्मित आयुर्वेदिक दवा है। क्योंकि यह आरोग्य (बिना रोग) करने वाली गोली है इसलिए आरोग्य वटी कहलाती है।
इस दवा में केवल तीन हर्ब हैं, गिलोय, नीम और तुलसी। इस दवा का सेवन मुख्य रूप से शरीर की इम्युनिटी / रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
गिलोय, नीम और तुलसी जैसे मजबूत एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण यह दवाई शरीर के सही काम करने में मदद करती है। इसके सेवन से ज्वर, कफ, त्वचा रोगों, प्रमेह आदि में लाभ होता है। नीम का रक्त साफ़ करने का गुण तो सर्वविदित है। नीम को तो सर्वरोगनिवारिण भी कहा जाता है। इसी प्रकार गिलोय आयुर्वेद की प्रमुख रसायन औषधि है। इसके सेवन से लीवर की रक्षा होती है और लीवर फंक्शन ठीक होता है। डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि जैसे मच्छर जनित बुखारों में नीम और गिलोय के सेवन से अत्यंत लाभ होता देखा गया है। तुलसी भी अनेकों रोगों में लाभप्रद है।
इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें।
· निर्माता / ब्रांड: पतंजलि दिव्य फार्मेसी
· उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
· दवाई का प्रकार: हर्बल आयुर्वेदिक दवाई
· मुख्य उपयोग: रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना
· मुख्य गुण: एंटीऑक्सीडेंट, रसायन और इम्युनिटी बूस्टर
· दवा का अनुपान: गर्म जल
· दवा को लेने का समय: दिन में दो बार, प्रातः और सायं
· दवा को लेने की अवधि: कुछ महीने
· मूल्य MRP: Arogya Vati forty gramme @ Rs. 60.00
आरोग्य वटी के घटक | Ingredients of Patanjali Arogya Vati in Hindi
1. गिलोय Giloy extract 250 mg
2. नीम nim tree one hundred twenty five mg
3. तुलसी Tulsi one hundred twenty five mg
4. Excpients –q.s.
जानिए दवा के घटकों के बारे में
1- गिलोय टिनोस्पोरा कोरडीफ़ोलिया
गिलोय आयुर्वेद की बहुत ही मानी हुई औषध है। इसे गुडूची, गुर्च, मधु]पर्णी, टिनोस्पोरा, तंत्रिका, गुडिच आदि नामों से जाना जाता है। यह एक बेल है जो सहारे पर कुंडली मार कर आगे बढती जाती है। इसे इसके गुणों के कारण ही अमृता कहा गया है। यह जीवनीय है और शक्ति की वृद्धि करती है। इसे जीवन्तिका भी कहा जाता है।
दवा के रूप में गिलोय के अंगुली भर की मोटाई के तने का प्रयोग किया जाता है। जो गिलोय नीम के पेड़ पर चढ़ कर बढती है उसे और भी अधिक उत्तम माना जाता है। इसे सुखा कर या ताज़ा ही प्रयोग किया जा सकता है। ताज़ा गिलोय को चबा कर लिया जा सकता है, कूंच कर रात भर पानी में भिगो कर सुबह लिया जा सकता है अथवा इसका काढ़ा बना कर ले सकते है। गिलोय को सुखा कर, कूट कर, उबाल कर और फिर जो पदार्थ नीचे बैठ जाए उसे सुखा कर जो प्राप्त होता है उसे घन सत्व कहते हैं और इसे एक-दो ग्राम की मात्रा में ले सकते हैं।
गिलोय वात-पित्त और कफ का संतुलन करने वाली दवाई है। यह रक्त से दूषित पदार्थो को नष्ट करती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। यह एक बहुत ही अच्छी ज्वरघ्न है और वायरस-बैक्टीरिया जनित बुखारों में अत्यंत लाभप्रद है। गिलोय के तने का काढ़ा दिन में तीन बार नियमित रूप से तीन से पांच दिन या आवश्कता हो तो उससे अधिक दिन पर लेने से ज्वर नष्ट होता है। किसी भी प्रकार के बुखार में लीवर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में गिलोय का सवेन लीवर की रक्षा करता है।
· मलेरिया के बुखार में इसके सेवन से बुखार आने का चक्र टूटता है।
· यदि रक्त विकार हो, पुराना बुखार हो, यकृत की कमजोरी हो, प्रमेह हो, तो इसका प्रयोग अवश्य करना चाहिए।
· इसके अतिरित गिलोय को टाइफाइड, कालाजार, कफ रोगों, तथा स्वाइन फ्लू में भी इसके प्रयोग से आशातीत लाभ होता है।
2- नीम अजादिरीक्टा इंडिका
नीम को आयुर्वेद में निम्ब, पिचुमर्द, पिचुमंद, तिक्तक, अरिष्ट, पारिभद्र, हिंगू, तथा हिंगुनिर्यास कहा जाता है। इंग्लिश में इसे मार्गोसा और इंडियन लीलैक, बंगाली में निमगाछ निम्ब, गुजराती में लिंबडो, और हिंदी में नीम कहा जाता है। नीम को फ़ारसी में आज़ाद दरख्त कहा जाता है। नीम का लैटिन नाम मेलिया अजाडीरीक्टा या अजाडीरीक्टा इंडिका है।
नीम शीत वीर्य/स्वभाव में ठंडा (बीज, तेल छोड़ कर), कड़वा, पित्त और कफशामक, और प्रमेह नाशक है। यह खांसी, अधिक कफ, अधिक पित्त, कृमि, त्वचा विकारों, अरुचि, व्रण आदि में लाभकारी है। नीम के पत्ते, आँखों के लिए हितकारी, वात-कारक, पाक में चरपरे, हर तरह की अरुचि, कोढ़, कृमि पित्त और विष नाशक हैं।
3- तुलसी ओसिमम संकटम
तुलसी की पत्तियों के स्वास्थ्य लाभ के बारे में तो सभी को पता है। यह गुणों की खान है और इसके फायदों के बारे में तो पूरी- पूरी किताबें लिखी जा सकती है। तुलसी के पत्तो के सेवन से सर्दी, खांसी, जुखाम, बुखार, इम्युनिटी की कमी, तथा अनेकों तरह के रोग दूर होते हैं। यह मन को शांत रखते हैं और अवसाद तथा तनाव को दूर करते हैं। तुलसी के पत्तों का सेवन उर्जा देता है, हार्मोन का संतुलन करता है, संक्रमण से बचाता है, और तनाव को दूर करता है।
तुलसी एक प्रबल antihistaminic है जो bronchospasms पराग-प्रेरित अस्थमा को रोकने में बहुत उपयोगी है | पवित्र तुलसी में नाइट्रिक ऑक्साइड पाया जाता है, जो की एक बहुत अच्छा inhibitor inhibitor | यह एलर्जी श्वसन विकारों के उपचार में उपयोगी है।
आरोग्य वटी के फायदे | edges of Patanjali Arogya Vati in Hindi
1. यह रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
2. यह लीवर फंक्शन को सही करती है इसके सेवन से कोलेस्ट्रोल, ट्राइग्लिसराइड लेवल, beta-lipoprotein beta-lipoprotein beta-lipoprotein beta-lipoprotein beta-lipoprotein
3. यह आंतों से विषाक्तता बाहर करती है।
4. यह यकृत को स्वस्थ करती है।
5. यह रसायन, दीपन, पाचन, शरीर से गन्दगी निकलने वाली, और मल को साफ़ करने वाली दवा है।
6. यह वात और कफ दोष को संतुलित करती है।
7. यह शरीर में फ्री रेडिकल का बनना कम करती है।
8. यह लीवर फंक्शन को सही करती है।
9. यह लीवर की रक्षा करती है।
10. इसके सेवन से आरोग्य आता है।
आरोग्य वटी के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Patanjali Arogya Vati in Hindi
1. पुराना बुखार / क्रोनिक फीवर Jirna jvara (Chronic fever)
2. वात-पित्त-कफ दोषों के कारण उत्पन्न बुखार
3. इन्फेक्शन जो की इम्युनिटी की कमी के कारण बार-बार होते हैं
4. चमड़ी के रोग
5. इम्युनिटी की कमी
6. मच्छर जनित बुखार (डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया)
7. स्वाइन फ्लू
8. शारीरिक, मानसिक कमजोरी
9. यकृत रोग
10. यकृत कमजोरी
11. रक्त शर्करा का बढ़ा स्तर
12. गठिया, यूरिक एसिड का बढ़ जाना
आरोग्य वटी की सेवन विधि और मात्रा | dose of Patanjali Arogya Vati in Hindi
1. 1-2 गोली, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
2. इसे पानी के साथ लें।
3. इसे भोजन करने के बाद लें।
4. या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications in Hindi
1. इस दवा में गिलोय, नीम और तुलसी हैं जिन्हें लेना पूरी तरह से सुरक्षित है।
2. इसे लम्बे समय तक लिया जा सकता है।
3. इसके सेवन का कोई हानिप्रद प्रभाव नहीं है।
4. दवाई के स्थान पर आप गिलोय के तने, नीम और तुलसी के पत्ते को पानी मन उबाल कर काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।
5. यदि बुखार के लिए इसका सेवन कर रहे हो तो काढ़े का सेवन अच्छे परिणाम देगा।
6. स्तनपान के दौरान इसका सेवन करने से कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
7. गर्भावस्था में किसी भी दवा का सीवन बिना डॉक्टर की सलाह पर न करें।
गुरुवार, 10 नवंबर 2022
Kalonji Ke fyde