धनिया की खेती कैसे करे पूरी जानकारी जाने। Dhaniya Ki Kheti Kaise Kare In Hindi
Dhaniya Ki Kheti Kaise Kare - नमस्कार प्यारे किसान भाई आज की पोस्ट में हम बात करेंगे धनिया की खेती के बारे में जैसे Dhaniya ki kheti kaise hoti hai, साथ ही बात Dhaniya ki fasal से जुडी अहम् जानकारी भी शेयर करेंगे जैसे Dhaniya ki kheti ka samay, Dhaniya ki kheti at home, Dhaniya ki kheti ki jankari, Dhaniya ki kheti ki vidhi सब कुछ बताने वाले है इसलिए सभी किसान भाई Kheti Business पर बने रहे।
सभी किसान चाहते है की हम कुछ नये तरीके से फसल करे और अधिक लाभ कमाए लेकिन किसान के पास उपयुक्त जानकारी के अभाव के कारण अधिक पैदावार नहीं कर पाता है। इस वेबसाइट पर सभी जानकारी उपलब्ध है।
जलवायु और भूमि
धनिया की खेती के लिए जलवायु एवं भूमि किस प्रकार की होनी चाहिए ?
धनिया की खेती हरी पत्तियों के प्रयोग हेतु लगभग पूरे वर्ष की जाती है लेकिन बीज प्राप्त करने हेतु इसकी खेती रबी की फसल के साथ में करते है इसके लिए स्प्रिंग सीजन अच्छा रहता है। धनिया की खेती हेतु दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है अच्छे जीवांशयुक्त भारी भूमि में भी उगाई जा सकती है लेकिन जल निकास होना अति आवश्यक है।
प्रमुख प्रजातियाँ
धनियां की उन्नतशील प्रजातियां कौन-कौन सी होती है ?
धनियां में प्रजातियां जैसे की पूसा सेलेक्शन360, आर.सी.1, यू.डी.20 , यू.डी.21, पंत हरितमा, साधना, स्वाती, डी.एच.5, सी.जी.1, सी.जी.2, सिंधु , सी.ओ.1 , सी.ओ.2 एवं सी.ओ.3, सी.एस.287, आर. डी.44 एवं आजाद धनियां1 तथा आर.सी.आर.20, 41, 435, 436 एवं 446 आदि है।
खेत की तैयारी
धनियां की खेती करने हेतु हमें खेत की तैयारी किस प्रकार से करनी चाहिए ?
खेत की तैयारी के लिए खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से तथा बाद में तीन से चार जुताई कल्टीवेटर या देशी हल से करते है खेत को समतल करके पाटा लगाकर भुरभुरा बना लेना चाहिए। आख़री जुताई में one hundred से one hundred twenty कुन्तल सड़ी गोबर की खाद को मिला देना चाहिए।
बीज बुवाई
धनिया की बुवाई में बीज की मात्रा प्रति हेक्टेयर कितनी लगती है तथा बीज शोधन किस प्रकार करना चाहिए ?
बीज की मात्रा बुवाई एवं सिंचाई की दशा पर निर्भर करती है। सिंचित दशा में बीज 12 से 15 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा असिंचित दशा में 25 से 30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर पड़ता है। बीज को three ग्राम थीरम या two ग्राम बेविस्टीन से प्रति किलोग्राम के हिसाब से बुवाई करने से पहले शोधित कर लेना चाहिएI बीज को बोने से पहले 12 घंटे पानी में भिगोकर बुवाई करनी चाहिए।
धनिया की बुवाई कब करनी चाहिए तथा बुवाई में कौन सी विधि अपनानी चाहिए ?
मैदानी क्षेत्रो में अक्टूबर से नवम्बर में बुवाई की जाती है। विधि में बुवाई लाइन से लाइन की दूरी 20 से 30 सेंटीमीटर तथा पौधे से पौधे की दूरी 10 से 15 सेंटीमीटर रखते हुए three से 5 सेंटीमीटर गहराई पर बुवाई करनी चाहिए।
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पोषण प्रबंधन
धनिया की फसल में खाद एवं उर्वरको की मात्रा कितनी लगती है तथा कब प्रयोग करना चाहिए ?
खेत की तैयारी करते समय a hundred से a hundred and twenty कुंतल गोबर की सड़ी खाद आख़िरी जुताई में मिला देना चाहिए। इसके साथ ही 60 किलोग्राम नत्रजन, forty किलोग्राम फास्फोरस तथा forty किलोग्राम पोटाश तत्व के रूप प्रति हेक्टेयर देना चाहिए। नत्रजन की आधी मात्रा एवं फास्फोरस तथा पोटाश की पूरी मात्रा खेत की तैयारी करते समय आख़िरी जुताई में बेसल ड्रेसिंग में देना चाहिए। नत्रजन की शेष मात्रा का half भाग 25 दिन बाद बुवाई के तथा half of भाग forty दिन बाद बुवाई के बाद देना चाहिए।
जल प्रबंधन
धनिया की फसल में सिंचाई कब और कैसे करनी चाहिए ?
पूरी फसल में four - 5 सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। पहली सिंचाई बुवाई के 30 से 35 दिन बाद करनी चाहिए। दूसरी 60 से 70 दिन, तीसरी eighty से ninety दिन, चौथी a hundred से one zero five दिन एवं पांचवी one hundred twenty दिन बाद करनी चाहिए।
खरपतवार प्रबंधन
धनिया की फसल की निराई-गुड़ाई कब करनी चाहिए और खरपतवार पर नियंत्रण हम किस प्रकार से कर सकते है ?
पहली सिंचाई के बाद निराई-गुड़ाई करना चाहिए दूसरी पहली के 30 दिन बाद करना चाहिए। खरपतवार नियंत्रण हेतु बुवाई के तुरंत बाद एक दो दिन के अंदर 3.3 लीटर पेंडीमेथालीन को 800 से one thousand लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिए।
रोग प्रबंधन
धनिया की फसल में कौन-कौन से रोग लगते है तथा उनका नियंत्रण हमें किस प्रकार से करना चाहिए ?
धनिया में पाउडरी मिल्ड्यू, उकठा या विल्ट तथा तना पिटका रोग लगते है। इनको रोकने के लिए 0.3 प्रतिशत जल ग्राही सल्फर अथवा 0.06 प्रतिशत कैराथीन के घोल का छिड़काव करना चाहिए तथा अवरोधी प्रजातियों का प्रयोग करना चाहिए इसके साथ ही फसल चक्र भी अपनाना चाहिए।
कीट प्रबंधन
धनिया की फसल में जो कीट लग जाते है उन पर नियंत्रण हम कैसे पाये ?
धनिया में माहू या एफिड तथा पत्ती खाने वाले कीट लगते है इनको नियंत्रण करने हेतु 0.2 प्रतिशत कार्बेरिल घोल का छिड़काव करना चाहिए जिससे इन कीटो का असर न हो सके।
फसल कटाई
धनिया की फसल की कटाई एवं मड़ाई कब करनी चाहिए ?
हरी पत्तियो को बड़ी सावधानी से तुड़ाई करनी चाहिए जिससे कि तना सुरक्षित रहे एस तरह दो बार पत्तियां तोड़नी चाहिए लेकिन कभी-कभी पूरा पौधा भी हरी पत्तियो के प्रयोग में लाते है बीज प्राप्त करने हेतु जब पौधे पर बीज पककर सूख जावे तभी कटाई की जाती है और एक दो दिन खेत में डालकर सुखाने के बाद बीज की पिटाई करके अलग कर लिया जाता है।
पैदावार
धनिया की फसल से हरी पत्तिया एवं बीज की उपज कितनी प्रति हेक्टेयर प्राप्त होती है ?
हरी पत्तियो की उपज a hundred twenty five से a hundred and forty कुंतल प्रति हेक्टेयर प्राप्त होती है तथा 10 से 12 कुंतल सूखी धनिया के बीज प्राप्त होते है।
आशा करता हु सभी किसान भाईओ की धनिया की खेती की पूरी जानकारी मिल गई है इसके अलावा कोई अन्य सवाल है तो आप हमे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है हम जल्द का जवाब देंगे।